तेरे हाथ की लकीरों से नहीं मुझको वास्ता,
मेरे हाथ की लकीरों में तेरा नाम लिखा है।
तू किसी और की हो जाए, तो भी गम नहीं,
मेरे दिल पर तो बस तेरा ही नाम लिखा है।
इश्क़ का मतलब, महबूब को खुशियाँ देना,
किताबें इश्क़ में बस यही पैगाम लिखा है।
मिलना या बिछुड़ना तो तक़दीर के खेल हैं,
मेरे नसीब में हारकर भी जीत जाना लिखा है।
यूँ ही नहीं पढ़ते कसीदे, दुश्मन तारीफ़ में मेरी,
किसी के काम आने का हुनर विरासत में लिखा है।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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